स्वच्छता सर्वेक्षण 2024-25 (Swachhta Sarvekshan); 8वीं बार स्वच्छता में No.1 बना इंदौर: एक प्रेरणादायक सफाई की कहानी

(Swachhta Sarvekshan)

इंदौर की सफाई क्रांति: लगातार 8वीं बार बना भारत का सबसे स्वच्छ शहर

भारत में सफाई और स्वच्छता Swachhta Sarvekshan को लेकर कई प्रयास किए गए हैं, लेकिन कुछ शहर ऐसे हैं जिन्होंने इन प्रयासों को सिर्फ योजना तक सीमित नहीं रखा बल्कि जमीनी हकीकत में बदला है । स्वच्छता सर्वेक्षण 2024-25 में लगातार 8वीं बार इंदौर देश का सबसे स्वच्छ शहर बना है। यह न सिर्फ इंदौरवासियों के लिए गर्व की बात है बल्कि पूरे देश के लिए एक उदाहरण भी है।

स्वच्छता सर्वेक्षण (Swachhta Sarvekshan) 2024-25 के नतीजे हाल ही में जारी हुए जिसमें 23 शहरों को अलग-अलग कैटेगरी में ‘सुपर स्वच्छता लीग’ पुरस्कार दिए गए। इंदौर ने 10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहरों की कैटेगरी में टॉप किया है। वहीं जोधपुर, ठाणे, भोपाल और नवी मुंबई ने भी इस लिस्ट में जगह बनाई है। इंदौर की इस जीत के पीछे कई वर्षों की कड़ी मेहनत, सशक्त प्रशासन, जागरूक नागरिक और ठोस रणनीति है।


जयपुर और हैरिटेज शहरों की स्थिति

राजस्थान की राजधानी जयपुर का प्रदर्शन भी सराहनीय रहा, लेकिन वह टॉप 10 में जगह नहीं बना सका। जयपुर ग्रेटर को 16वां स्थान मिला, जबकि हैरिटेज जयपुर 20वें नंबर पर रहा। यह बताता है कि सफाई के क्षेत्र में अभी भी सुधार की आवश्यकता है। हालांकि, यह स्थान भी पिछले साल की तुलना में बेहतर माने जा सकते हैं। Swachhta Sarvekshan


स्वच्छता सर्वेक्षण 2024-25 में इंदौर बना देश का रोल मॉडल – जानिए क्यों?

इंदौर को मॉडल सिटी इसलिए माना गया क्योंकि यहां सिर्फ सफाई के पारंपरिक तरीकों पर निर्भर नहीं रहा गया, बल्कि आधुनिक तकनीकों और जनभागीदारी को भी अपनाया गया। Swachhta Sarvekshan

प्रमुख कारण:

  • 100% वेस्ट कलेक्शन: इंदौर में ‘डोर टू डोर कलेक्शन’ की प्रक्रिया 98% से ज्यादा सफल रही है।
  • सॉर्स सेग्रिगेशन: 92% घरों और संस्थानों से कचरा अलग-अलग (गीला और सूखा) किया जा रहा है।
  • कचरा प्रोसेसिंग: इंदौर का 100% कचरा प्रोसेस किया जाता है जिससे शहर में डंपिंग की जरूरत नहीं रहती।
  • प्लास्टिक बैन: सिंगल यूज़ प्लास्टिक पर सख्ती से प्रतिबंध लगाया गया है।
  • जन भागीदारी: इंदौर के नागरिक स्वच्छता को लेकर बेहद सजग हैं।

यहां हर मोहल्ले में निगरानी समितियां बनाई गई हैं जो समय-समय पर सफाई की रिपोर्ट देती हैं।

स्वच्छता सर्वेक्षण 2024-25 (Swachhta Sarvekshan)


इन शहरों को भी मिला “सुपर स्वच्छता लीग” पुरस्कार

10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहरों में टॉप 5:

  1. इंदौर
  2. सूरत
  3. नवी मुंबई
  4. विजयवाड़ा (Swachhta Sarvekshan)

3-10 लाख जनसंख्या वाले शहरों में टॉप 5:

  1. नोएडा
  2. चंडीगढ़
  3. मैसूर
  4. उज्जैन

स्वच्छ शहर श्रेणी में 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहर :

  1. अहमदाबाद
  2. भोपाल
  3. लखनऊ

स्वच्छ शहर श्रेणी में 3 से 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहर :

  1. मीरा-भायंदर
  2. बिलासपुर
  3. जमशेदपुर

प्रयागराज को विशेष ‘बेस्ट सिटी इन टाउन’ अवार्ड

स्वच्छता सर्वेक्षण 2024-25 (Swachhta Sarvekshan)

प्रयागराज नगर निगम को ‘बेस्ट सिटी इन टाउन’ अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। यहां शहरी विकास और स्वच्छता के मामले में उल्लेखनीय काम हुआ है, खासकर गंगा किनारे के क्षेत्रों में सफाई अभियान बेहद प्रभावी रहा।


महाकुंभ 2024 के लिए विशेष स्वच्छता सम्मान

उत्तर प्रदेश के नगर निकायों को महाकुंभ 2024 की तैयारी के तहत विशेष स्वच्छता श्रेणी में भी पुरस्कार मिले हैं। साफ-सफाई और कूड़ा प्रबंधन के लिए प्रयागराज, वाराणसी, अयोध्या जैसे धार्मिक स्थलों पर सघन सफाई अभियान चलाए जा रहे हैं।


स्वच्छता में बदलाव लाने वाले प्रयास: क्या सीख सकते हैं बाकी शहर?

स्वच्छता सर्वेक्षण 2024-25

इंदौर की सफलता सिर्फ प्रशासन की नहीं, बल्कि वहां के लोगों की भी है। वहां हर नागरिक खुद को ‘स्वच्छता ब्रांड एंबेसडर’ मानता है। कुछ महत्वपूर्ण बातें जो अन्य शहर सीख सकते हैं:

  1. जनजागरूकता अभियान: लगातार सफाई को लेकर शिक्षा और अभियान चलाए गए।
  2. प्रोत्साहन प्रणाली: मोहल्लों को उनके स्वच्छता प्रदर्शन पर सम्मान और पुरस्कार दिए गए।
  3. निगरानी और रिव्यू: प्रशासन और नागरिक समितियों द्वारा निरंतर निगरानी की गई।
  4. डिजिटल इनोवेशन: सफाई से जुड़ी शिकायतों के लिए मोबाइल ऐप्स और हेल्पलाइन नंबर शुरू किए गए।
  5. रिसाइकलिंग और अपसाइकलिंग: कचरे से कंपोस्ट और अन्य उपयोगी सामग्री तैयार की जा रही है।
  6. स्वच्छता सर्वेक्षण 2024-25

एक सफाई मिशन जो आंदोलन बन गया

इंदौर की यह लगातार आठवीं जीत इस बात का प्रमाण है कि यदि नीयत साफ हो, तो शहर भी साफ हो सकते हैं। यह सिर्फ एक पुरस्कार नहीं, बल्कि एक सोच, एक प्रतिबद्धता और एक उदाहरण है।

स्वच्छता सर्वेक्षण 2024-25 (Swachhta Sarvekshan)

अब वक्त है कि बाकी शहर भी इससे प्रेरणा लेकर स्वच्छता को सिर्फ मिशन नहीं, बल्कि रोजमर्रा की जीवनशैली का हिस्सा बनाएं।

अन्य महत्वपूर्ण लिंक :

मरू सिर्किट

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