राजस्थान के प्रमुख पर्यटन परिपथ कौनसे हैं? Rajasthan Ke Pramukh Paryatan Paripath Kaunse Hai?

Rajasthan Ke Pramukh Paryatan Paripath
Rajasthan Ke Pramukh Paryatan Paripath

राजस्थान के प्रमुख पर्यटन परिपथ: (Rajasthan Ke Pramukh Paryatan Paripath)

पर्यटन की दृष्टि से राजस्थान एक अत्यंत महत्वपूर्ण राज्य है। यहाँ की स्थलाकृति में अद्भुत विविधता देखने को मिलती है — कहीं पहाड़ और पर्वत हैं, तो कहीं विस्तृत मैदान और रेगिस्तानी क्षेत्र। यही भौगोलिक विविधता राजस्थान को विशिष्ट बनाती है और देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को आकर्षित करती है। पर्यटन सिर्फ घूमना फिरना ही नहीं बल्कि इसे उद्योग का दर्जा दिया गया है l

जो पर्यटक एक बार राजस्थान आते हैं, वे यहाँ की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और राजस्थानी संस्कृति के मुरीद हो जाते हैं। इस लेख में राजस्थान के प्रमुख पर्यटन परिपथ बताये गए हैं तथा साथ ही उनकी व्याख्या कि गयी है और महत्वपूर्ण प्रश्न दिए गए है जो परीक्षा कि दृष्टि से महत्वपूर्ण हो सकते हैंl राजस्थान को पर्यटन की दृष्टि से दस परिपथों में विभाजित किया गया है जो निम्न प्रकार से हैं : –

राजस्थान के प्रमुख पर्यटन परिपथ: (Rajasthan Ke Pramukh Paryatan Paripath)

  1. मरू सर्किट : इसे डेजर्ट ट्रायंगल भी कहते हैं l मरू सिर्किट में सबसे पहले तीन जिले; बीकानेर, जोधपुर और जैसलमेर को शामिल किया गया था l बाड़मेर को बाद में शामिल किया गया l इस त्रिकोण में स्वर्णिम त्रिकोण के बाद सबसे ज्यादा पर्यटक आते हैं l यह त्रिकोण दुसरे स्थान पर है जहाँ सर्वाधिक पर्यटक आते हैं l
  2. हाड़ौती परिपथ : हाड़ौती परिपथ में कोटा संभाग के चारों जिले शामिल हैl
  3. शेखावाटी परिपथ : शेखावाटी परिपथ में सीकर, चुरू व झुंझुनू जिलों को शामिल किया गया है l वैसे शेखावाटी क्षेत्र में भी यही जिले शामिल हैं l (Rajasthan Ke Pramukh Paryatan Paripath)
  4. ढुंढाड परिपथ : इस परिपथ में केवल जयपुर और दौसा जिले को शामिल किया गया है l जिसमे दौसा की चाँद बावड़ी और मेहंदीपुर बालाजी का मंदिर प्रमुख पर्यटन स्थल हैं l
  5. रणथम्भौर परिपथ : सवाईमाधोपुर तथा टोंक जिलों में विस्तृत है l सवाईमाधोपुर का त्रिनेत्र गणेश मंदिर तथा चौथ माता का मंदिर प्रसिद्ध है l
  6. मेरवाड़ा परिपथ : इस परिपथ में नागौर व अजमेर जिले शामिल हैं l अजमेर का अढाई दिन का झोंपड़ा, ख्वाजा साहब कि दरगाह तथा पुष्कर मंदिर प्रसिद्ध है l बड़े पीर साहब की दरगाह तथा अमर सिंह राठौड़ कि छतरी नागौर के प्रमुख आकर्षण के केंद्र हैंl
  7. मेवाड़ परिपथ : राजस्मेथान में मेवाड़ संस्कृति, कला तथा पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण क्षेत्र हैl चित्तौडगढ़, उदयपुर तथा राजसमन्द जिलों में फैला मेवाड़ परिपथ मेवाड़ की शान हैl
  8. भरतपुर परिपथ : भरतपुर परिपथ में भरतपुर, धौलपुर तथा करौली जिलों को शामिल किया गया है l भरतपुर में सबसे प्रसिद्ध केवलादेव घाना पक्षी विहार (राष्ट्रिय उद्यान ) अति प्रसिद्ध है l करौली में कैलादेवी का मंदिर प्रसिद्ध है जहाँ पर लांगुरिया गीत भगवन महावीर की अर्चना में गाया जाता है l (Rajasthan Ke Pramukh Paryatan Paripath)
  9. गौड़वाड़ परिपथ : इसे माउन्ट आबू परिपथ के नाम से भी जाना जाता है l इस परिपथ में आने वाले प्रमुख जिले हैं; जालौर, सिरोही तथा पाली l पाली में रणकपुर के जैन मंदिर बहुत प्रसिद्ध हैं l तथा जालौर में सुंधामाता मंदिर और मालिक शाह कि मस्जिद अति प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल हैं l (Rajasthan Ke Pramukh Paryatan Paripath)
  10. मेवात परिपथ : यह एक ऐसा परिपथ है जिसमें केवल एक जिला ‘अलवर’ शामिल है l भर्तृहरि का मंदिर, मूसी महारानी की छतरी तथा सिलीसेढ़ झील अति सुंदर दर्शनीय स्थान हैं l

राजस्थान में नए पर्यटन परिपथ: (Rajasthan Ke Pramukh Paryatan Paripath)

राजस्थान में उपर्युक्त दस परिपथों के अलावा देश – विदेश के विभिन्न हिस्सों को जोड़ते हुए और भी नए पयटन परिपथो का विकास किया गया है:

प्रश्न 1. स्वर्णिम त्रिकोण क्या है? तथा इसमें कौन – कौनसे स्थान आते हैं? (Rajasthan Ke Pramukh Paryatan Paripath)

उत्तर : स्वर्णिम त्रिकोण दिल्ली, जयपुर तथा आगरा के पर्यटन स्थलों को जोड़ने के लिए बनाया गया एक पर्यटन परिपथ हैl इस परिपथ में सर्वाधिक पर्यटक आते हैं l पर्यटकों के आवागमन कि दृष्टि से यह परिपथ प्रथम स्थान पर है l

प्रश्न 2. कृष्णा सर्किट क्या है? तथा कृष्णा सर्किट में कौन – कौनसे स्थान शामिल हैं? (Rajasthan Ke Pramukh Paryatan Paripath)

उत्तर : कृष्णा सर्किट स्वदेश दर्शन योजना के अंतर्गत बनाया गया परिपथ है जिसमें भारत के चार राज्यों; राजस्थान, गुजरात, हरियाणा व उड़ीसा के बारह मंदिरों को जोड़ा गया हैl

प्रश्न 3. राष्ट्रीय राजधानी सर्किट में कौन – कौनसे स्थान आतें हैं? (Rajasthan Ke Pramukh Paryatan Paripath)

उत्तर: राष्ट्रीय राजधानी सर्किट में अलवर, बैराठ, भरतपुर, धौलपुर तथा स्वर्णिम त्रिकोण के अंतर्गत आने वाले स्थलों को शामिल किया गया है l राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (Delhi NCR) को योज्नापूर्ण तरीके से विकसित किया गया है कि यहाँ पर्यटकों का ज्यादा आकर्षण हो l तथा हर साल देश – विदेश से आने वाले पर्यटकों को संख्या में वृद्धि हो l

प्रश्न 4. पुरातत्व सर्किट क्या है? इसमें कौन – कौनसे स्थान आते हैं?(Rajasthan Ke Pramukh Paryatan Paripath)

उत्तर: पुरातत्व सर्किट में वे स्थान शामिल किये गए हैं जहाँ पुरातत्व विभाग के केंद्र हैंl पुरातत्व सर्किट में जयपुर, जोधपुर, बीकानेर, अजमेर, उदयपुर, भरतपुर तथा कोटा को शामिल किया गया है l इस सर्किट में कुल सात स्थल शामिल हैं l

प्रश्न 5. राजस्थान का पर्यटन लोगो क्या है? तथा इसे कब अपनाया गया? (Rajasthan Ke Pramukh Paryatan Paripath)

राजस्थान पर्यटन का लोगो ‘पधारो म्हारे देश‘ हैl इसे 30 जनवरी 2019 को अपनाया गयाl तथा यही लोगो 1993 में प्रथम बार अपनाया गया था l 2019 में इस लोगो को दूसरी बार अपनाया गया है l 2016 में राजस्थान पर्यटन को लोगो ‘जाने क्या दिख जाए था‘l

(Rajasthan Ke Pramukh Paryatan Paripath)

सयुंक्त राष्ट्र संघ (UNO) द्वारा वर्ष 2017 को ‘अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन वर्ष’ के रूप में मनाया गया l

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